बारिश के मौसम में बढ़ते गले के संक्रमण के मामले

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बारिश के मौसम में बढ़ते गले के संक्रमण के मामले

मौसम बदलते ही हमारे शरीर पर इसका प्रभाव पड़ता है। गले का संक्रमण आमतौर पर वायरस के कारण होता है। अक्सर यह उन वायरसों में से एक है, जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है, जैसे कि राइनोवायरस, एडेनोवायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस, या रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस।

 

थ्रोट इन्फेक्शन के लक्षण:

  • निगलने और सूजन के साथ गंभीर दर्द
  • लाल टॉन्सिल
  • गले में जलन और कफ
  • टॉन्सिल में कभी-कभी सफेद धब्बे
  • दर्द जो कभी-कभी कानों तक पहुंचता है
  • बुखार, सिरदर्द और पेट खराब
  • बार-बार टॉन्सिल संक्रमण होने पर सांसों में बदबू की समस्या

 

 

गले का जीवाणु संक्रमण:

ज्यादातर गले के संक्रमण जीवाणु संक्रमण के कारण होते हैं, जिनमें ‘स्ट्रेप थ्रोट’ सबसे आम है। यह 5 से 15 साल के बच्चों में अधिक होता है और 3 साल से कम उम्र के बच्चों और एडल्ट्स में कम होता है। सही इलाज न करने पर स्ट्रेप थ्रोट कभी-कभी गंभीर हो सकता है।

बारिश में होने वाले वायरल इन्फेक्शन से कैसे बचें

बारिश के मौसम में धूप की कमी और उमस के कारण कई मानसूनी बीमारियाँ हवा, पानी या मच्छर के काटने से फैलती हैं। इसलिए हमें एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है।

पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के उपाय:

  • खाने से पहले हमेशा फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही इस्तेमाल करें।
  • अपने भोजन को हमेशा ढककर रखें और बाहर का खाना खाने से बचें।
  • सुनिश्चित करें कि आपके इलाके में नालियां और गड्ढे ढंके हों ताकि मच्छर घर में न घुस पाएं।
  • यदि आपके बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है, तो डॉक्टर से परामर्श करके उन्हें टीका जरूर लगवाएं।
  • मानसून के मौसम का आनंद लें, लेकिन सुरक्षित रहें। गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग संक्रामक रोगों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इसलिए इनको सावधानी बरतने की ज्यादा जरूरत है।

यदि आप या आपके परिवार के किसी सदस्य में बीमारी के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो एंडोस्कोप ईएनटी क्लिनिक पर संपर्क करें और डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

डॉ. निशांत राणा
एंडोस्कोप ईएनटी क्लिनिक

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